PATRAKAR SHRI NARAYANDAS SONI
News Paper Editor & Social Activist
श्री नारायणदास गागुमल रामनानी ‘ सोनी ‘ हमारी जाती के निडर पत्रकार थे। अपने ही बलबूते पर बड़ौदा से हिम्मत करके एक ‘ जोग – माया ‘ नाम की जातीय – पत्रिका प्रकाशित की थी। किसी व्यक्ति विशेष के आर्थिक सहायता की उसको आवश्यकता नहीं पड़ती। वह लिखवाया था की आप केवल निशिचत चन्दा समय पर भेजते रहिये और विज्ञापन भी भेजते रहिये। चन्दा समय पर न पहुंचने पर भी, वह अखबार समय पर भेजा करते था। उन दिनों अखबार प्रकाशित करना कोई आसान काम नहीं था। उन्हें जाती के लिए लगन थी और जैसे – तैसे करके अखबार की पूर्ती किया करता था और उसके लिए समय भी निकलता था। अखबार समय पर मिलती रहती थी। इस कार्य के लिए वह दूसरे शहरों की यात्रा भी किया करता था। जयपुर में कुछ जातीय – महिला समस्याओं को लेकर जयपुर के ( शहर वाले ) पंचायती हाल में उसने दुसरो के साथ बैठकर उपवास भी किया था। जाती में कभी – कभी हो रहे महिला अत्याचारों का वह अपनी ‘ जोग – माया ‘ में डटकर और निडरता से विरोध किया करता था।
जब – जब हम उसकी पत्रिका ‘ जोग – माया ‘ की बात करेंगे, तो सोनी अवश्य याद आयेंगे और जब ‘ सोनी ‘ को याद करेंगे तो उसकी ‘ जोग – माया ‘ याद आयेगी। दोनों एक – दूसरे से जुड़े हुए थे।
उसने हमरे पूज बुजुर्गो को अपने संस्मरण लिखने का साधन प्रधान कर दिया। इस प्रकार जाती की पुरानी यादे ‘ जोग – माया ‘ में इतिहास बनकर कैद हो गयी।
उसने अपनी पत्रिका के माधयम से देश भर में फैले हमरे परिवारों को एकजुट कर दिया। अब हमारी जाती को कम से कम एक वार्षिक पत्रिका की आवश्यकता है, यह कार्य तो पूज पंचायत ही कर सकती है।
श्री नारायण ‘ सोनी ‘ हैदराबाद में हमारी जाती के 15-20 जवानों में से एक थे, जो कि संघी आरएसएस थे। उसने ‘ जोग – माया ‘ का प्रथम अंक संघ के द्वितीय संघ चालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवोलकर को अर्पण किया था, गुरूजी का चित्र उस प्रथम अंक पर देखा गया था।